मृत्यु मोक्ष तक साधना है,
साधना नही ये अराधना है;
विकल्प का कोई मार्ग नही,
काश! कोई मार्ग होता सही।
जीवन जब जल - जल जिया,
जब प्यासे ने जल न पिया;
परिलक्षित हो उठा वो उसमे,
स्वर्ग की यात्रा पूरी की जिसने।
सबने उससे किया क्यो द्वेष,
किया भी तो बदल कर भेष;
सब लूट लिया उसका इस देश,
चल दिया पाताल ओर समझ कर स्वदेश।