Wednesday, June 17, 2020

लॉकडाउन

"दल का दल,
चला पैदल;
गर्भ मे लिए,
पेट का दर्द।
भूख थी शैतान,
ले रही थी जान;
दो जून न रोटी,
बस खुला आसमान।"


"अपमान का विष"

"अपमान का विष समुद्र में मथा हुआ, चासनी मे लिप्त, रस से गूंथा हुआ; बोले सवार हो शीर्ष पर एकल, जितना ऊँचा हो प्रतीत पागल; उतना ही गर्त म...