Saturday, June 22, 2019

"अनुभवी सत्य"

अनुभव बोलता है जनाब,
देता है खुले मुंह जवाब;
ओढ़ ले झूठ जितने नकाब,
सत्य ढूँढ लेगी निगाहें लाजवाब।

सत्य को किसी का डर नही,
झूठ का अपना कोई घर नही;

झूठ की चाल भले ही मंद हो,
आवाज उसकी पर्वत सी बुलंद हो;
अनुभव ओढ़ लेगा नीला आकाश,
फिर पूरी होगी सत्य की तलाश।

बन कठपुतली नाचे दर - दर झूठ,
कभी तो आएगा पहाड़ के नीचे ऊँट;
अनुभव की डोर रोके कठपुतली के पैर,
नजर आएंगे अपने, समझ जाएंगे गैर।





Saturday, June 1, 2019

"करम भरम“

"कैसा है ये करम,
समझ न आये भरम;
खुले आम प्यार को देख,
गुस्से से खून उबाल क्यो गरम;
रंग नही साफ तो शरम,
अंध भक्ति का जाल है धरम।
कैसा है ये करम,
समझ न आये भरम;
मन के अरमान हो चाहे नरम,
फिर भी कट्टर विचार कहलाये परम;
घुंघरू पैर बाँध थिरके कला,
फरक क्या किरन हो या करन;
कैसा है ये करम,
समझ न आये भरम।"

Mai Radha Teri (Kathak Dance)





























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"अपमान का विष"

"अपमान का विष समुद्र में मथा हुआ, चासनी मे लिप्त, रस से गूंथा हुआ; बोले सवार हो शीर्ष पर एकल, जितना ऊँचा हो प्रतीत पागल; उतना ही गर्त म...