Saturday, July 21, 2018

#मेरी कलम से

स्याही का क्या है, वो बस कागज रंगती है.... कहनी बयां होती हैं तब, जब आंसू संग पलकें झपकती हैं।...(1)
नया वर्ष, नया दिन, नया समय... कुछ नया अहसास सा है फिजाओं में,
ये साल नया है या मैं खुद.....(2)
Aaj usse mulakat hui. Najre ek hui, par baat na hui....(3)

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